इस सत्य को धारण करो कि भगवान न पenas हैं, न तुमसे दूर हैं और न दुर्लभ ही हैं।।।।।।।।।।।
मनुष्य देखने में कोई रूपवान, कोई कुरूप, कोई साधु, कोई असाधु दिखाई पड़ते हैं, परंतु उन सबके भीतर एक ही ईश्वर विर sigue
दुष्ट मनुष्य में भी ईश्वर का निवास है, परंतु शिष्य को उसका संग करना उचित नहीं।।।।।।।।।।।
शिष्य को उन लोगों से दूरहना चाहिये जो उपासना का मजाक उड़ाते हैं, धर्म तथा धारbar ग्रन्थों की निन्दा करते।।। हैं हैं हैं हैं। हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं eléctrica eléctrica
El discípulo no debe tener miedo de Maya porque ella inmediatamente se escapará cuando la reconozca.
जैसे दूध से मक्खन निकालने के लिये मथन mí
मन सफ़ेद कपड़े की तरह है, इसे जिस रंग (चिंतन) में डुबोओगे वही ¢ चढ़ चढ़ जायेगा, इसी हेतु शिष्य को हमेशा सकार marca • चिंतन ही करना है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है.
सच्चा शिष्य गुरु के किसी बाहरी काम पर लक्ष्य नहाा वह तो केवल गुरु की आज्ञा को ही सिर नवाकर पालन
जब मन नाना प्रकार के संकल्प, विकल्प करने लगता है, तब शिष्य को विचार ¢ ominal अंकुश से द्वन्द पर प्रहार कर मन को स्थिरuela क sigue
शिष्य गुरु से इतना प्रेम करे कि गुरु शब्द सुनते ही आँखों से प्रेमाश्रु निकल।।।।।
शिष्य को धीरज रखकर निरन्तर साधना करते रहनok चाहिये यथा समय अवश्य ही सफ़लता प्र marca होगी होगी होगी होगी।।।। होगी। होगी।।। होगी
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