क sigue, भगवान शंकर के ज्येष्ठ पुत्र हैं और देवताओं के रक्षक भी।।।।।।।।।।।।। कार plardin इन्हें प्रधान देव माना जाता है, भगवान सुब्रमण्यम व मुरूगन देव भी कहा जाता है।।।।।।।। मुरूग का तात्पisiones
अतः शिव परिवार के सभी गणों से हम अपने जीवन को जीवन्त जाग्रत कर सकते।।।।।।।।।।। उक्त स्थितियों की प्रagaप्ति के लिये आवश्यक है कि महाशिवरात haber कार्तिकेय ऐश्वर्य, वीर्य, यश, श्री, ज्ञान और पूर्णता के प्रतीक है साथ ही जहां कारgon. सौभ sigue. क्योंकि गौरी अखण्ड सौभा ग्यता गणपति विघ्नहenas त हैं हैं, गणपति से ही गृहस्थ जीवन में धन-ध्य, पुत्र-पौत्र का वर प्रagaप demás होत है।।।।।।।।। साथ ही शत्रु बाधा से रक्षा, निरोगता और विजयश्री हेतु भगवान कार्तिकेय का वर अत्यन्त आवश्यक है।।।।।।।।।
मह sigue. अर्पित करते है। जबकि इस तरह से विधि विधान से पूजन करने वाले साधक को सुख आनन्द, आरोग्यता, सौभाग्य, सन्तान सुख, धन लक्ष की नि निरículos पículo suppiral होती होती है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है. सभी शिव परिवार के गणो की पूजा आराधना करने का महाशिवर gaso अतः सपरिवार साधना पूजा महामृत्युन्जय रूद्रagaभिषेक अवश्य ही सम्पन्न करना चाहिये जिससे जीवन मृत्युन्जय स्थितियों का विस्त Chr.
जीवन के प्रत्येक क्षण को पूर्ण रसमय, आनन्द युक्त, शौर्य, सम्मान, प्रuestos जब जीवन शव से शिवमय की ओर अग्रसर होता है तो शिष्य साधक अनुभव करने लगता हैं उनक उनका जीवन पूर posterir महाशिवantemente त्रि महापantemente पर कुम्भ अमृत शिव-गौरी शक्ति दीक्षा को आत्मसात कर जीवन को शिव-गौरी क dagres venda विजयश Davervez
Es obligatorio obtener Gurú Diksha del venerado Gurudev antes de realizar cualquier Sadhana o tomar cualquier otra Diksha. Por favor contactar Kailash Siddhashram, Jodhpur a Correo electrónico , Whatsapp, Teléfono or Enviar para obtener material de Sadhana consagrado, energizado y santificado por mantra, y orientación adicional,
Compartir vía: