इसका प्रादर्भाव किस प्रकार से हुआ इXNUMX 'कूर्म पुराण' में एक रोचक कथा आती है। जब कूर्मावतार, विष्णु की पीठ पर मंदराचल पर्वत रखok गया और वह स्थिर नहीं हो ¢ endr समुद्र मंथन के बाद कूर्मावतार ने उन दोनों को आशीर्वाद दिया और कहा जिस्रकार क तुम दोनों ने मिलक लोकहित के लिये यह क सम है अमृत में तत तत जब जब जब जब जब जब जब जब जब जब जब जब जब जब जब जब जब जब जब जब जब जब जब जब. उसका महत्व एक सिद्ध पर्व के समान होगा।
इसलिये सोमवती अमावस्या को साधना के लिये सर्वश्रेष्ठ माना गया है, क्योंकि इस दिन की जाने वाली साधना असफ़ल नहीं।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।। उसका सुप्रभाव हर हालत में मिलता ही है। वैसे तो सोमवती आमवस्या सौभाग्य प्राप्त करने कॿ
सौभ sigue. अतः इस अवसर पर उच्चकोटि के सन्यासियों द्वारा सिद्ध साधनायें दी जा रही है, जिनके सम्पन्न कर लेने से व्यक्ति हर प्रक marca की razón. ये समस्त स sigue "
Magha está bajo el control de la Luna y la Luna está en Leo
दुर्लभ दुर्लभो योग प्राप्यत्वं श्रेष्ठत्व नरःरःरः
किसी कारणवश इस अवसर को चूक जाने पर इन साधना को किसी भी माह की अमावस Dav यदि आप चाहें, तो तीनों साधनाओं को भी उसी एक दिन में सम्पन्न कर सकते।।।।।।।।।।।।।।
Sadhana de Karna Pishachini
कenas पिशाचिनी महाकाली शक्ति का स्वरूप हैं, जो साधक के से से न्यूनताओं का शमन करती है।।।।।।।।। साधक के नकारात्मक पक्ष का विनाश करती है। उसे नया जीवन दान देती है और हecer जिससे जीवन में निरन्तर पुण्योदयमय शुभ लाभ स्वरूप में स्थितियों का विस्तार होता है।
इस दृष्टि से यह जीवन में डecer. जिसे प्रत्येक शिष्य, साधक, मनुष्य को सम्पन्न करनी ही चाहिये। क्योंकि जब तक हमाisiones जीवन पूरी तरह से पाप-दोष से मुक्त नहीं हो पाता, तब तक हमारे अभीष्ट सिद्ध होना संभव नहीं।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।
हम sigue, यह जीवन पिछले जन्म के अनेक कर्मों के प्रभाव से बंधा हुआ है।।।।।।। जिनके कारण जीवन में अनेक दुःख दुःख, संताप, पीड़ा सहन करनी पड़ती ही है और उसी के कारण हमारा सफलता का मारbar भी अवatar पाप-दोष के हेतु हेतु समय-समय पecer जिसका लाभ हजारों शिष्यों को प्रagaप्त हुआ और उन्होंने अपना श्रेष्ठतम अनुभव भी हमसे साझा किये।।।।।।।।।।
यह तो सutar. प्रत्येक साधक का यही प्रश्न होता है कि किस प्रकार से कौन से विधान से हम इन अशुभ कर्मफलों से मुक्त हो सकते हैं, इन्हीं सब प्रश्नों का उत्तर है यह साधना जिसे सम्पन्न कर साधक-शिष्य अपने जीवन को सुकर्मों की ओर अग्रसर तो करता ही है , साथ ही संचित प siguez
कर्ण पिशाचिनी अपने साधको का हर क्षण ध्यान रखती है, उसके जीवन में आने वाले प्रत्येक संकट का पूर्व में ही निवारण कर देती।।।।।।।।।।।।।।।।।।।। है है है है है है है जिससे साधक और उसका परिवार किसी घटना-दुर्घटना में पूर्ण सुरक्षा प्रagaप्त करने में होत होत है।।।।।।।।।।।।।।।।।।। साथ ही ज्वालामुखी कर्ण पिशाचनी का विशिष्ट रूप साधक के सभी पाप-ताप, संताप, कुकर्म दोषों को अपने उग्र स्वς स स्मीभूत क razón
जिससे निरंतर जीवन में श्रेष्ठता आती ही है। साथ ही कौन से कार्य करने से श्रेष्ठता, सफलता प्राप्त होगी, यह एक महत्त्वपूर्ण विषय है, क्योंकि हमें अनेक ऐसे कर्मो का ज्ञान तो है जिससे कर्म दोष संचित होते है, परन्तु अनेक ऐसे कर्म भी है, जिसका हमें ज्ञान नहीं होता कि इसके द्वारा हमें क्या लाभ और हानि प्राप्त होगा। किससे हमको सफलता प्राप्त होगी। इसीलिये यह साधना जीवन का एक महत्वपूर्ण अध्याय है, जिससे जीवन में जुड़ाव की स्थितियां बन।।।।।।।।।।।।।।।।
इस साधना में किसी भी तरह की कोई भय की बात नहीं है, सामान hablo किसी भी तरह का कोई डर marca वनija अनहोनी घटना या आवाज आपको सुन सुनायी देगी।।।।।।। यदि किसी के साथ होता भी है तो घबराने की आवश्नहऀथह यह साधना सफलता का सूचक होगा।
sadhana vidhaan
सोमवती अम sigue. पूजा स्थान में सामने लकड़ी के बाजोट पर काला कपड़ा बिछायें साथ ही बाजोट के चारों कोने में शुद्ध घी का दीपक जलाये।।।।।।।।।।। साधना काल में दीपक प्रज्जवलित रहना अनिवार्य है इसके बाद किसी थ siguez यंत्र के दायीं ओर ज्वालामुखी गुटिका स्थापित इ॰ यंत्र के सामने एक sigue. उच्च स्वर से रोम प्रतिरोम में मंत्र समाहित होकर पाप दोष का शमन करता है।।।।।
Tomando una resolución, canta el siguiente mantra 9 veces con el rosario Kali Hakik mientras haces tratak con concentración.
मंत्र जप समाप्ति के पश्चात् हवन सामग् Estatero बाद में सभी सामग्री को किसी मन्दिर में अर्पित ॥
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