आठ यौगिक सिद्धियां- अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व व शिवत्व ये आठों सिद्धियां श्री हनुमान जी में सम्यक् रूप से प्रतिष्ठिता हैं और जैसा कि शास्त्रोक्त कथन है कि जैसे देव की पूजा साधना करते हैं, वैसी ही सिद्धि प्राप्त होती है, इसलिये इन आठ योगिक सिद्धियों की प्रagaप्ति भी श्री हनुमान साधना से ही सम्भव है।।।।।।।।।।।। उपनिषद् में -
अर्थात् परब्रह्म नारायण शिव स्वरूप हनुमान ही है, श्री शिव के ग्या razón
श्री हनुमान जी की मानस साधना, मूर्ति साधना, मान्त्रिक साधना औecer इसी कारण रामायण में लिखा है कि परब tercículo ूद रूदna हनुमान की महिमा उन्हीं की कृपा से में आ सकती।।।।।।।।।।।।।।।।। वर्तमान युग और श्री हनुमान- श्री हनुमान जन-जन के अपनी सatar है। जीवन में सबसे बड़ा दुःख 'भय' है और जो स siguez
श्री हनुमान अपने भक्त को, अपने साधक को बुद्धि, बल, वीर्य प्रदान करते हैं, अर्थात् मानसिक दुर्बलता हो या शारीरिक दुर्बलता, रोग हो अथवा शोक, श्री हनुमान साधना से इस पर विजय प्राप्त होती है, चरित्र रक्षा, बल बुद्धि का विकास, निष्काम भाव से कारorar दीक्षा ग्रहण करने से साधक में स्वतः ही महावीरमय चेतना व शक्तियां व्याप्त होने हैं हैं।।।।।।।।।।।
Es obligatorio obtener Gurú Diksha del venerado Gurudev antes de realizar cualquier Sadhana o tomar cualquier otra Diksha. Por favor contactar Kailash Siddhashram, Jodhpur a Correo electrónico , Whatsapp, Teléfono or Enviar para obtener material de Sadhana consagrado, energizado y santificado por mantra, y orientación adicional,
Compartir vía: