इसके लिए पांच चिन्तन स्पष्ट है- 1- दीक्षा यदि नहीं हुई हो तब भी स mí. - जो साdos शिथिलता बरतना या आज्ञा पालन में न्यूनता रखने से भी स mí.
उपरोक्त पाँचो कारणों में से प्रथम चार या पहली चार बाधाये तो गुरू की सेवा करने से, उनके सानिध्य में रहने से अथवा उनकी आज्ञा का पालन करने से और निरंतर गुरू मंत्र जप करने से इन चारों दोषों का शमन हो जाता है, पांचवा दोष गंभीर होता है, क्योंकि मन से, वचन से और कर्मगत किये गये कारorar आप में अत्यन्त सशक्त, महत्वपूर्ण और दुर्लभ है, जो साधकों के कल्याण हेतु प्रस्तुत है।।।।।।
Cuándo hacer meditación-
यह साधना गुरूवार को की जाती है और आठ गुरूवार तक यह साधना सम्पन्न होती।।।।।।।।।।।।। गुरूव sea के दिन साधक स्नान कर पीली धोती धारण कर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंहर बैठ बैठ जाये, पूज स्य क अत अत avor उन्हें नैवेद्य समर्पित करे, सुगन्धित अगरबत्ती प्रज्जवलित करे, घी का दीपक लगावें।
इस साधना में रूद्र मंत्र प्रagaण प्रतिष्ठा युक्त निखिलेश्वर यंत्र तथा गुरू ivamente रूद्र marca मija धारण हेतु है तथा यंत्र का नियमित पूजन आवश्यक है, यंत्र पूजन गुरू पूजन अनुसार ही करना है।।।।।।।।।।।।।
sadhana vidhaan
साधक तीन बार दाहिने हाथ में जल लेकर पी ले और उसके बाद हाथ धो कर प्रagaणायाम करे और फिर दाहिने हाथ में जल कुंकुम कुंकुम पुष पुष्प लेकर संकल्प करे।।
Vishnu, Vishnu, Vishnu, país y tiempo, canto de este Gautra
Soy una vergüenza sin rostro para mí mismo aquí en mis nacimientos pasados.
El fantasma-quien-hace-quien-hace-quien-hace-quien-hace-quien-hace-quien-hace-quien-hace-quien-hace-quien-hace-quien-hace-quien-hace -quien-hará-quien-hace-quien-hace
पिश sigue "
निवृत्ति पूर्वक पूर्ण सिद्धि दीर्घायुर marcaacho proLene
Prueba Shaman Sadhana.
ऐसा कह कर हाथ में लिया हुआ जल सामने रखे हुये पात्र में छोड़ दें और गले में पहनी हुई ivamente
एक माला मंत्र जप करने के बाद उस रूद्राक्ष माला को गले में धारण कर ले और पूर्व दिशा की ओर मुंह कर बैठ जाये, सामने गुरू चित्र लकड़ी के बाजोट पर स् थापित करे, उस पर शुद्ध घृत का दीपक लगावे, और हाथ म ें जल लेकर संकल्प करे।
।। ॐ मे पूर्ववत इह गतः पाप्मा पापकेनेह कर्मणा इन ्द्र साक्षी
Siendo el gozo del Señor de todos, todas mis faltas son pecado
Romper, hechizar, destruir, matar a Kali para él.
Prayachchatu kritam mama (pronuncia tu nombre)
Que el Gurú esté en paz y que tú seas bendecido.
इसके बाद पू sig otros
इसके बाद साधक अग्निकोण की ओर मुंह कर बैठ जाये सामने गुरू का चित्र स्थापित करे, उसकी संकgon ह्त पूजा करे और स Davidamente घी क दीपक लगguna, इसके ब में में जल जल favor
ॐ Yome anteriormente había ido aquí por acción pecaminosa aquí
अग्नि साक्षी भूतं निखिलेश्वरानंदम् मम समस्त द४
Romper, hechizar, destruir, matar Kali
तस्मै प्रयच्छतु कृतं मम (अपना नाम उच्चारण करें )
Que el Gurú esté en paz y que tú seas bendecido.
इसके ब ब अग अग. की ओár मुँह मुँह किये किये किये ही अपने अपने गले गले में पहनी पहनी हुई ूद ARूदellaandoक गले गले में पहनी पहनी हुई हुई η Sesión ूद रूद्ículo में हुई हुई हुई रूद्ículo में हुई हुई ूद idor ूद ender में हुई ूद enderosa म निम निम uto गुरू मंत poster मंत की एक एक मtan म razomo जप क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क.
इसके बाद स siguez
ॐ Yome anteriormente había ido aquí por acción pecaminosa aquí
Que el sur destruya mi testimonio, el gozo del Señor de todos
Romper todas las faltas y pecados, engañar, destruir y matar
कलिं तस्मै प्रयच्छतु कृतं मम (अपना नाम उच्चारण े)
Que el Gurú esté en paz y que tú seas bendecido.
इसके बाद दक्षिण दिशा की ओर मुँह किये किये ही अपने गले में पहनी हुई ूद ¢ गले ूद ibilidad
इसके बाद नैऋत्य दिशा की ओर मुँह कर सामने लकड़ी के बाजोट पर सफेद वस्त्र बिछा कर गुरू का चित्र स्थापित करे, उनकी ह्त Davelar
OM Yome previamente ido aquí, pecaminoso, pecaminoso aquí
El rey de los demonios del suroeste ha sido testigo de sus acciones
Nikhileswaranandam Todas mis faltas son pecado
Romper, hechizar, destruir, matar Kali
तस्मै प्रयच्छतु कृतं मम (अपना नाम उच्चारण करें )
Que el Gurú esté en paz y que tú seas bendecido.
इसके बाद नैऋत्य कोण की मुँह किये-किये ही अपने गले में पहनी हुई ivamente
इसके बाद स siguez
ॐ योमे पूर्वगत इह गत पाप्मा पापकेनेह कर्मणा
उत्तर दिशा वरूण साक्षी भूतं निखिलेश्वरानंदम ्
Rompe todas mis faltas y pecados, engaña y destruye
Mata a Kali y dale lo que he hecho.
(अपना नाम उच्चा llegar.
इसके ब mí.
इसके बाद वायव्य दिशा की ओर मुँह कर सामने लकड़ी के बाजोट पर सफेद वस्त्र बिछा कर गुरू का चित्र स्थापित करें, उनकी्त्त पूज पूज razón.
ॐ योमे पूर्वगत इह गत पाप्मा पापकेनेह कर्मणा
वायव्य यक्षर marca
Rompe todas mis faltas y pecados, engaña y destruye
Mata a Kali y dale lo que he hecho.
(अपना नाम उच्चा llegar.
इसके बाद व sigue.
इसके बाद साधक पश्चिम दिशा की ओर मुँह कर सामने लकड़ी के बाजोट पर सफेद वस्त्र बिछा कर गुरू चित्र स्थापित करे, उसकी संक् ulo पूजeja क razón.
ॐ योमे पूर्वगत इह गत पाप्मा पापकेनेह कर्मणा
पश्चिम सोम विप्रराज साक्षी भूतं निखिलेश्वराथतथदऍ
Rompe, engaña, destruye y mata todas mis faltas y pecados
कलिं तस्मे प्रयच्छतु कृतं मम (अपना नाम उच्चारण े)
Que el Gurú esté en paz y que tú seas bendecido.
इसके बाद पश्चिम दिशा की ओर मुँह किये किये ही अपने गले में पहनी हुई ूद ¢ गले हुई ूद ender
इसके बाद साधक ईशान दिशा की ओर मुँह कर सामने लकड़ी के बाजोट पर सफेद वस्त्र बिछा कर गुरू का चित्र स्पित करे, उनकी्षिपorar
ॐ योमे पूर्वगत इहगत पाप्माpor hechos pecaminosos
El noreste de Pruthuratna fue testigo del fantasma. Nikhileshwaranandam
Rompe todas mis faltas y pecados Seducir, destruir, matar
Dale Kali por lo que he hecho (pronuncia tu nombre)
Que el Gurú esté en paz y que tú seas bendecido.
इसके बाद ईशान कोण की ओर मुँह किये किये ही अपने गले में पहनी हुई ूद ¢ ूद ender गले पहनी हुई ivamente
इसके बाद ऊपर आकाश (अनन्त) दिशा की ओर मुँह कर सामने लकड़ी के बाजोट पर सफेद वस्तorar
OM Yome mapurvagata iha gata papma papakeneha
Por acción, el infinito Brahma, el Rey de la creación, se convirtió en el testigo
Nikhileswaranandam Todas mis faltas son pecado
Romper, hechizar, destruir, matar Kali
तस्मे प्रयच्छतु कृतं मम (अपना नाम उच्चारण करें )
Que el Gurú esté en paz y que tú seas bendecido.
इसके बाद साधक ऊपर आकाश की ओर मुँह किये किये ही अपने गले में पहनी हुई ूद ivamente
इसके बाद भूमि की ओर नीच mí
ॐ योमे पूर्व गत इह पाप्मा पापकेनेह
El rey serpiente se convirtió en testigo bajo la acción
Nikhileswaranandam Todas mis faltas son pecado
Romper, hechizar, destruir, matar Kali
तस्मे प्रयच्छतु कृतं मम (अपना नाम उच्चारण करें )
Que el Gurú esté en paz y que tú seas bendecido.
इसके बाद साधक भूमि की ओर मुँह किये किये ही अपने गले में पहनी ivamente
इसके बाद साधक इस प्रकार दोनों दिशाओं से संबंधित प्रयोग सम्पन्न कर पुनः मूल गुरू मंत्र की मंत मंत्ág.
इस प्रकार एक गुरूवार का प्रयोग सम्पन्न होता है॥ साधक आठ गुरूवार इसी प्रकार से प्रयोग सम्पन्न कर लें तो यह दुर्लभ और अद्वितीय साधना सम्पन्न हो जाती है और इसके बाद साधक पूर्णतः पवित्र, दिव्य, तेजस्वी, प्राणश्चेतना युक्त एवं सिद्धाश्रम का अधिकारी होता हुआ, गुरू का अत्यन्त प्रिय शिष्य हो जाता है और साथ ही साथ उसके पिछले जीवन और इस जीवन के सभी प्रकार के पाप दोष समाप्त हो जाते है। यह दुर्लभ स sigue.
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