जीवन धारण के लिये ऊर्जा सर्वाधिक महत्वपूर्ण है और ऊर्जा का आधार सूर्य है।।।।।।।। एकम sigue. सूर्य ही समस्त चराचर जगत में ऊष्मा का संचार करतह सूर्य की चेतना आत्मसात करने से व्यक्तित्व में स्वतः ही परिवर्तन आने लगता है और अन्दर एक अडिगता तथा दृढ़ संकल्प जैसे गुणों का समावेश होने लगता है जिससे व्यक्तित्व में सम्मोहन वशीकरण के गुणों का विस्तार होता है और एक अद्वितीय तेजस्विता साधक के देह में समाहित होकर समस्त विषम परिस्थितियों को समाप्त कर अनुकुलता प्रदान करती है।
प्रत्येक सांसeccion sigueal ऐसी परिस्थितियों में व्यकorar
अतः जीवन में अनुकूल स्थितियां निर्मित करने व बाधाओं और विरोधियों को अनुकूल बनाकर अपना कारorar जिससे व्यक्ति अपने आकर्षण शक्ति में सभी को ब mí
साथ ही हमें जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सम्मोहन वशीकरण की चेतना की आवश्यकता होती है, जिससे हमारा कोई भी कार्य रूके नहीं, चाहे राजकीय कार्य, शासकीय कार्य, प्रशासनिक कार्य, सामाजिक कार्य, पारिवारिक कार्य क्षेत्र, नौकरी अथवा कहीं पर किसी भी कार्य में हमारे समक्ष रूकावटें ना आये। इस हेतु सूर्य देव की चेतना से युक्त होकर अपने अन्दर सम्मोहन वशीकरण के गुणों को समाहित कर व्यक्ति जीवन में सुख-सौभाग्य, समृद्धिر सौनς supger जिससे रस, आनन्द, प्रेम, भोग, प्रसन demás युक्त जीवन निर्मित होगा।
Es obligatorio obtener Gurú Diksha del venerado Gurudev antes de realizar cualquier Sadhana o tomar cualquier otra Diksha. Por favor contactar Kailash Siddhashram, Jodhpur a Correo electrónico , Whatsapp, Teléfono or Enviar para obtener material de Sadhana consagrado, energizado y santificado por mantra, y orientación adicional,
Compartir vía: