तुम स sigue " कौओं का झुण्ड कब चाहेगा कि उनमें से कोई हंस हो जाये, कीचड़ की गंदगी कब चाहेगी कि उसमें कोई कमल ज जाये! गुलामी में सांस लेने व siguez
भगवान चाहे हमें एक गुण दें, चाहे दस गुण दें, यदि हम उन्हीं का विकास करते रहेंगे तो निश्चय ही वृद्धि होगी।।।।।।।।।।। अपने आपको हीन समझन mí
परम marca म कृपा कर अवश्य ही हर व्यक्ति को कोई न कोई विशेषता, कोई न गुण प्रदान किय किय ही है है आवशguna है गुण को योंकि उत होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती होती ।
सद्गुरूदेव ने कहा था कि मुझे तो आवश्यकता है जीवन्त शिष्यों की जो मुझ में आकर समा जाये, मैं बाहें फैलाये खड़ा हूँ और जहां कोई शिष्य अपने ही बन्धनों द्वारा, संशय द्वारा मृत हो गया, वह सद्गुरू रूपी समुद्र में स्थायी भाव से नहीं रह सका , उसे किनारे पर आकर ग िरना समुद्र की भांति जीवन hubte वहां मन से बुझे निर्जीव शिष्यों के लिए स्थान नह॥हह॥
तुम्हारी इस मृत देह को प्राणो का स्पन्दन चाहहऔर र ये भी हो सकता है, जब मेरे प्राणों को अपने हृदय को ातकర सको, मेरे अन्दर अपने आप को समाहित कर सको, मेरे इस इस इस प्रवाह में मस्ती के साथ स्नान कर सको।
जब तुम अपने आप को शक्तिहीन अनुभव करो, जब तुम अपने आप को मृत तुल्य अनुभव करो, तब तुम मेरे साथ प्रकृति की तί एकendr
समुद्र तो अपनी जगह स्थिर खड़ा, अपनी बाहें फैलाये प्रत्येक नदी अपने आप आप में समेटने के लिए आतुर है, आवश्यकता तुम्हें नदी बनने की है, लहر हुई दौड़ती दौड़ती मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट. देने की है और जब तुम ऐसे कर सकोगे, तब तुम में एक नय्ध पैदा होगा, तब तुम में एक नया शंकराचाdas razón
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