वह कवि आगे बढ़ गया और थोड़ी दूर पर दूसरे मजदूर से उसने पूछ mí उस मजदूर ने अपनी उद mí. जैसे जिंदगी में उसके कोई स न हो, कोई आनंद न हो, कोई गीत न हो, जिंदगी में उसके कोई सौंदर्य न हो, कोई संगीत न हो, कोई सुख न हो।।।।।।।।।।।।।।। हो हो हो जीवन जैसे एक बोझ हो जिसे ढ़ोना है और समाप्त हो जॾ जॾ
उसका पत्थर तोड़ना ऐसा था, जैसे एक बोझ को कोई खींचत mí वह कवि आगे बढ़ गय mí लेकिन वह पत्थर भी तोड़ रहा था और गीत भी गा रहा था॥ उसकी आंखों में जैसे एक चमक थी, एक खुशी थी, उसके प्रaga में जैसे एक सुगंध थी।।।।।। थी थी थी थी थी थी थी थी वह गीत गाते हुये प्रसन्न भाव से अपने आपको आनन्दित रखते हुये भीतर में ऐसा एहसास कर ominó उसने हंसती हुई आंखें ऊपर उठाई और जैसे उसके शब्दों से फूल झ¢
वे तीन मजदूर, तीनों पत्थर तोड़ते थे। वे तीनों एक ही क siguez एक उदासी में, बोझ में, अर्थहीनता में। एक आनंद में, किसी मग्नता में, किसी समर्पण में। एक पत्थर तोड़ रहok था, एक रोटी-corresponde पत्थuestos तोड़ना आनंद का काम कैसे हो सकता है और रोटी-corresponde इसी तरह हमारे जीवन में भी, जीवन के मंदिर में भी तीन तरह के लोग होते हैं।।।।।।।।।।।।। जीवन के मंदिर को बनाने में भी तीन तरह के मजदूर हे अपने जीवन को उद siguez
¿Está bien? हम पत्थर तोड़ रहे है, रोटी-ोजी कमा ominó जीवन अपने आप में बिलकुल कोरी स्लेट अथवा कोरा कागज स्वरूप है। हमारी दृष्टि उस पर कुछ लिखना शुरू करती है और वही लिखा जाता है।।।। हमारे प्रagaण उस पर थिरकते हैं और कुछ लिख जाते हैं, जैसे भाव से जीवन लिखने की क्रिया करते है उसी तरह हम fl. जीवन लेकर हम पैदा नहीं होते, जीवन को हम रोज निर्मित करते हैं।
जीवन जन्म के साथ नही मिलता, मृत्यु के साथ उपलबह्१ जीवन एक लंबी यoque है है औivamente इस लंबी यात्रaga में रोज हम जैसा देखते हैं और जैसा निर्मित करते हैं, वैसा ही निर्मित होता चला जाता है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है uto अतः जीवन यात्रaga में निरन्तर शुभ भाव विचार अपने भीतर में निर्मित करते हुए शुभ शुभ विचारों को क्ηagaन ender
दुर्भाग्यपूisiones आज तक पृथ्वी पर जीवन के आनंद को स्वीका así जीवन का विरोध करने वाली, जीवन का निषेध करने वाली, जीवन की निंदा करने वाली, जीवन छोड़ देने योग्य है यह समझाने व • से ब ब कहीं कहीं कहीं कोई मोक मोक है है है है ज व हो त कहीं कहीं कहीं कहीं कोई मोक मोक मोक मोक मोक मोक मोक मोक मोक मोक मोक मोक मोक मोक मोक मोक मोक मोक मोक मोक मोक मोक मोक मोक मोक मोक मोक मोक मोक मोक मोक मोक मोक मोक मोक मोक मोक मोक मोक मोक मोक मोक मोक मोक मोक मोक हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो.
ऐसा सिखाने वाली शिक्षा तो पृथ्वी पर रही। लेकिन जीवन को ही मोक्ष बना लेना, जो उपलब्ध है उसे ही आनंद में परिवरنavor इसलिए मनुष्य की यह दुर्दशा हो गई है। इस दुenas में अतीत में दी गई विषाद पूर्ण शिक्षा का हाथ है। जीवन दुःख पूर्ण है, इसलिए कि हम जीवन को आनंदपूर्ण बनाने की क्षमता और पात्रता उपलब्ध नहीं कर पाते। जीवन दुःख पूर्ण इसलिए नहीं है क्योंकि हम दुःख भरी आंखों से जीवन को देखने की कोशिश करते हैं। हमारी दृष्टि की दुःख भरी छाया सारे जीवन को अंधकारपूर्ण कर देती।। जीवन भर बाहर, बाहर और क्यों? क्योंकि हमने दुःख प siguez
जीवन को दुःखव siguez अगर बुरा हूं तो मैं बुenas हूं और अगर यह स्मरण आ जाए कि मैं बुरा हूं।।।।।। तो बदलाहट की जा सकती है। ¿Está bien? बिलकुल ही गलत! अगर जीवन बुरा है तो उसे बदलने का कोई तो उपाय होगा ही क्योंकि जीवन विराट है।।।।। एक ही र ¢ स है, हमे अपनी सोच बदलनी होगी, अपनी दृषutar परंपराएं पैदा होगी।
हम सब उस घेरे में खड़े हैं। इस घेरे को तोड़ दें और विद्रोह करें अज्ञान के प्रति, विद्रोह दुःखवादियों के प्रति, ताकि आनंद की क्षमता का सूत्र शुरू हो जाए, ताकि कि कि कि कि सके आनंद आनंद की है।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।। अतः निरन्तर सुभाव से जीवन को क्रियान्वित करने से ही जीवन में सुक्रियायें हो।।।।।।।।।।।।
Es obligatorio obtener Gurú Diksha del venerado Gurudev antes de realizar cualquier Sadhana o tomar cualquier otra Diksha. Por favor contactar Kailash Siddhashram, Jodhpur a Correo electrónico , Whatsapp, Teléfono or Enviar para obtener material de Sadhana consagrado, energizado y santificado por mantra, y orientación adicional,
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