क्रोध के कारण व्यक्ति की निर्णय क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।।।।।। जिससे हम किसी भी गंभीर विषय पर सही निर्णय नही ले पाते हैं। क्रोध हमारी निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित थाह हमेशा क्रोध में रहने वाले लोगों की दिमाग की नसें उभरी हुई रहती हैं, जिस कारण उसके दिमाग पर भी ज्यादा जोर पड़ता है।।।।।।।।।।।।।।।।। ऐसे लोग ब्लड प्रेशर से पीडि़त होते हैं।
क्रोध स्वास्थ की दृष्टि से भी हानिकारक होता है॥ गांव में एक कहावत है कि-कgonender क्रोध से मन खिन्न और तनाव में रहता है। ऐसे लोग के अन्दर प्रसन्नता का भाव होता ही नहथै परिवार में भी कलह की स्थिति निर्मित होती है। क्रोध से व्यक्ति में हीनता आती है और वह सम mí व्यक्ति क्रोध में आकecer जिससे उन्हें अनेक समस्याओं का सामना करना पड़थै
क्रोध करने से नुकसान- क्रोध में व्यक्ति विवेक शून्य हो जाता है, सही निर्णय लेने सम समivamente नहीं नहीं íbor है है है है है है है है है है है है है है है है जिसके कारण उसके भविष्य पecer क्रोध के दुष्प्रभाव दीर्घ समय तक सहन करने पड़ते है ऐसे लोग अक्सर ब्लड प्रेशर और नशा जैसे घातक बुराईयों से पीडि़त होते।।।।।।।।।।।।।।। यदि व्यक्ति मन को शांत रखें तो शीघ्र ही क्रोध पर नियंत्रण प्रagaप्त किया जा सकता है।।।।।।।।।
नकारात्मक विचार - बहुत से लोग किसी काisiones उनके मन में यह विचार आता है कि यह कार्य मैं नहीं कर पाऊंगा, मैं इस कार्य के योग्य नहीं हूं, और यही नकारात्मक विचार ऊर्जा का हनन करते हैं, जिसके कारण हम शीघ्र ही अपनी पराजय स्वीकार कर लेते हैं परिणाम स्वरूप हमें असपफ़लता ही मिलती है। जिसके कारण हम निराश व हताश हो जाते हैं। जिससे क्रोध का प्रादुर्भाव होता है।
इसलिये नकारात्मक विचारों का त्याग कर सकारात्मक दृष्टि से अपने कार्य को प्रaga -se सही रूप से काisiones अपने आप में यह समझना कि यह कार्य हमसे नहीं होगा। हमारे दिमाग को नकारात्मकता से जकड़ लेता है। फिर हमारा चिंतन नकारात्मक हो जाता है। जिससे मन एवं मस्तिष्क अशांत रहतok है और जब मन अशांत रहने लगता है तो मनचाहा कार्य सिद्ध नहीं कर पाते हैं व व क्रोधी प Davág seaति के होने लगते हैं।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।
स्वयं के सामर्थ्य (क्षमता) - यदि हम अपने मन, मस्तिष्क को शांत रखना चाहते हैं तो इसके लिये हमें अपने सामर्थ्य और प्रतिभा को जाग्रत करना होगा, स्वयं के लिये कुछ समय निकाल कर आत्मचिंतन करना होगा, अपनी प्रतिभा को पहचान कर परखना होगा कि ऐसा कौन सा गुण है, जिसकी क्षमता पर आप सफ़ल हो सकते हैं और अपने मन की सुनकर उस काisiones
हमेशा वही कार्य करें - ऐसा कोई भी काम न करें जिसमें आपकी रूचि ना हो, क्योंकि ऐसे कार्य करने से आपको प्रसन्नता नहीं।।।।।।।।।।।।।। उतना ही काम करें जितना कि आपकी क्षमता अगर कोई काम शुरू किया है तो उसे श sigue. साथ ही ईर्ष्या द्वेष की भावना से दूर रहें। जो बातें आपको तकलीफ़ दे रहीं हों और उन्हें आप चाहकर भी कुछ नही कर सकते हैं तो उन्हें भूल जायें।
स्वयं से प्रेम करें हमें स्वयं से प्रेम करना सीखना चाहिये, क्योंकि क्रोध से हम दूसरों से ज्यendr. यदि हम अपने आप से ही प्यार करना सीख लें तो हम स्वयं को नुकसान नहीं पहुँचाना चाहेंगे और इस प्रकार क्रोध पर कुछ नियंत्रण कर सकेंगे।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।
- जब हम अपने परिवार वालों व मित्रगण के साथ समय बिताते हैं तो हमारे सोचने की क्षमता व निर्णय लेने की क्षमता अच्छी रहती है, क्योंकि अगर हम अपने चाहने वालों के साथ समय व्यतीत करते हैं तो हम खुश रहते है जिससे हमारा मन-मस्तिष्क शांत रहता है। इससे हमारी महसूस करने की क्षमता बढ़ती है, साथ ही साथ स्वयं पर विश्वास बढ़ता है।।।।।।। इसके परिणामतः हम अपने कार्य पर अपना लक्ष्य केन्द् Prod. मन शांत रहने से हमें अपनी विचार धार marca को नियंत्रित करने की भी शक्ति मिलती।।।।।।।।।।।।
Calma la mente con yoga योग मन को शांत रखने में अत्यन्त प्रभावी है तन एवं मन को स्वस्थ रखने हेतु विभिन्न योग क्रियाओं को धीरे-धीरे अभ्य Davidamente योग के साथ ही ध्यान (Meditación) का अभ्यास भी हमारे लिये अत्यन्त लाभदायक है। ध्यान का मुख्य उद्देश्य है अपने मन को शांत करना और धीरे-धीरे अपने अंदरूनी मन शक्ति को उच्च स्थान पर ले जाना।।।। हमारे क्रोध को नियंत्रण करने हेतु ध्यान व योग एक उत्तम मoque है।।।।।।। क्रोध या नकार marca की की स्थिति को ध्यान द्वारा दूर किया जा सकता है।।।।।। जब भी ऐसी स्थिति आपको घेरे तो आप अपने को शांत करने के लिये (Meditación) को अपना सकते हैं। इसके लिये सबसे पहले कोई शांत जगह देखे जहां आपऀो ७ distribuir न कर सके, कोशिश करें कि आप कम से कम 20 मिनिट तक ध्यान लगा सकें, आँखे बंद करें और गहरी श्वास लें, अपने श श श आव प razón
इन उपायों को अपना कर आप शीघ्र ही अपने क्रोध पर नियंत्रण करने में सफल हो सकेंगे और आपकी कार्य क्षमता भी होगी।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।। धैर्यवान व्यक्ति श्रेष्ठ सफलता प्रagaप्त करने में हमेशा सक्षम होता है।।।। इसलिये आप कार्य को शान्ति और धैर्य के साथ सम्पनथइथ्के जब कभी क्रोध आये तो एक गिलास प siguez यकीनन ऐसा कर आप महसूस करेंगे की आप का क्रोध कुछ ही समय बाद समाप्त हो गया औecer
अपने व्यकن supiso क्रोध पर विजय पाने की अनेकों उपाय प्रचलित है।
Pero si queremos controlar nuestra propia ira o la de los demás, entonces debemos llenar nuestro discurso con dulzura y seguir cantando Guru Mantra, Gayatri Mantra en medio de la conversación, mediante el cual se controla la causa de la ira y se logra el trabajo. .
tu querida madre
Shobha Shrimali ji
Es obligatorio obtener Gurú Diksha del venerado Gurudev antes de realizar cualquier Sadhana o tomar cualquier otra Diksha. Por favor contactar Kailash Siddhashram, Jodhpur a Correo electrónico , Whatsapp, Teléfono or Enviar para obtener material de Sadhana consagrado, energizado y santificado por mantra, y orientación adicional,
Compartir vía: