क्या आप भी घटनाओं के बारे में कुछ इस तरह सोचती हैं, मसलन 'मैंने पारorar करते— ।' क्या आप भी ऐसी हैं कि प्रशंसाओं को नजरअंदाज करके सिर्फ नकार marca बातों को याद रखती हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं? मान लें आपने हेयर कलर आजमाया, आपके कुछ करीबी दोस्तों ने उसकी तारीफ की, लेकिन आपके को को कुछ जम जम नहीं, उन्हें लगता है कि बाल तो प्रículo तौर पर क क ही ही लगते।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।. आप अपने दोस्तों की तारीफ तो भूल गई मगर पति की आलोचन mí हो सकता है मन में आप भी यही सोच ¢ हों हों कि सचमुच बाल अब सुंदर नहीं लग रहे और इसे लेकर बार-बाtern खुद कोस कोस ही हों।।।। हों हों हों हों हों हों हों हों हों हों
मगर क्या यह जरूरी है कि आपकी हर बात सब को अच्छऀ ॗ ज्यादातर महिल siguez उन्हें लगता है उनका फिगर खराब हो रहा है, उनके चहरे पर उम्र की लकीरें पड़ने लगी हैं, उन पर अब साड़ी य flस नहीं फबती।। प य य जीन जीन नहीं।।। प प य य नहीं फबती फबती फबती फबती फबती फबती फबती फबती फबती फबती फबती फबती फबती फबती फबती फबती फबती नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं ° लेकिन उम्र एक सच्चाई है जिसे स्वीकाisiones इसके लिए आप भला कह siguez
आप अपने अच्छे कार्यों व सफलताओं को नहीं पहचान थ केवल यही सोचती रह जाती हों कि क्या गलत हो गया और क्या और बेहतर हो सकता था। आप कई कार्यों की विफलता पर खुद को दोष देने लगती हों, बगैर यह सोचे-समझे कि इसके लिये आप ही उत्तरदायी नहीं।।।।।।।।।।। हो सकता है कुछ स्थितियां ही ऐसी हों कि आपको विफलत mí
अगर इन बातों में से कुछ या सभी बातें आपके व्यक्तित्व में तो फि फिender खुद से कहें कि आप अच्छी हैं, आप खुद को बदल सकती हैं, सक sigue, ढंग से सोच सकती।।।।।।।।।।।।।। खुद के प्रति सकार marca नजरिया न सिर्फ आपको तनाव से उबारेगा, बल्कि आप जो चाहती हैं, उससे ज्यादा ही दे देगा ।ा ।ा।। देगा ।ा।। razor
कई लोगों को अपने सर्वश्रेष्ठ विचारों का ज्ञान स्नानगृह या खेल के मैद mí. आप अपने बारें में तभी ठीक से सोच पाते हैं जब चैन में होते हैं। खासतौर पर यदि आप सुबह पैदल चलने की शौकीन हैं तो यह बेहतरीन समय होता है अपने बारे में सोचने का। इस समय दिलोदिमाग ताजगी से भरा होता है। आप तन sigue.
इसलिये अपनी दिनचर्या में अपने लिये समय जरूर नइथྥ इस वक्त चाहे आप संगीत सुनें, ध्यान करें, पार्क में टहलें या फिर गहरी नींद में सो जाये। सुकून के पलों में जब आप दिम siguez
कई बार आप आगे सिर्फ इसलिये नहीं बढ़ प siguez आप उन भूलों के लिए खुद को माफ नहीं कर पाते। डर, भ्रम, गलतफहमी, दुःख, तन siguez जब आप किसी दूसरे के गलती के लिये उसे क्षमा कर प sigue लेकिन जब आप गुस्से व गलती क mí
गलतियों के लिए खुद को क्षमा करना सीखें। अतीत की भूलों के बारे में सोचने के बजाय भविष्य की ओर उन्मुख हों। तभी आप अपने जीवन को सकारात्मक दिशा की तरफ ले जाथसाे याद रखें कि इंसान ही गलतियां करता है और सिर्फ यही उन्हें सुधार भी सकता है।।।।
यदि आप जुनून की हद तक पû avor 'मैं बहुत अच्छी कुक नहीं हूं', मैं बेहद खूबसूरत नहीं हूं, लोग मुझसे बात करना पसंद नहीं करते क्योंकि अक्सर मैं कुछ गलत बोल ज जा हूं ',' मेरे बिसículo की च प razón सलवट कैसे पड़ी गई razón धूल कैसे जमी कि मैं मेहम siguez क्योंकि आप सारे कार्य शत-प्रतिशत सही नहीं कर सकसीं प्रकृति के अलावा कोई भी दूसरी चीज पूर्ण नहीं हैै कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं है, जिसमें सारे गुण भरे हो और न कोई पूरी तरह अवगुणों से भenas है।।।।।।।।।।
अपने मन में कुछ संकल्प लें। कोई एक संकल्प दोहराते ही आपके अवचेतन मन पर इसका संदेश जाता है और नकारात्मक विचार सकारात्मक संदेशों व विचारों में बदल जाते हैं। आप किसी भी तरह का संकल्प ले सकते हैं, च siguez संकल्प लें और उस पर दृढ़ रहें। जैसे 'मैं शांत व संयत रहूंगा', 'मैं अब दूबारículo गुस्सा नहीं करूंगा', 'मैं आगे अपने को को सुधारने की कोशिशatar । अपने दिमाग को वस्तुस्थिति को स्वीकारने के लिए तैयार रखें। कुछ बातों पर गौर करें और उनके बारे में सोंचें, 'मेरी जिंदगी जो जो भी स्थितियां आये, मैं पatar मैं अपने पूरे जीवन की जिम्मेदार खुद हूं, चाहे वह मेरे मन के भीतर के विचार हों या फिर मेरी बाहरी वास्तविकता। " ये विचार आपको प्रेरित करते रहेंगे।
आप खुद को ठीक ढंग से दूसरों के सामने अभिव्यक्त न कर पाती हों चलते चलते दूसरे आपको नजरअंदाज कर जाते हैं।।।।।।।।।। हो सकता है आप गोष्ठियों, बैठकों व सेमीनारों में खुलकर न बोल पाते हों और दूसरों से बेहतर होते हुए पीछे पीछे रह जाती हो तो इसके लिये खुद को दोष देने के बज बज कुछ ब ब अपन अपन अपन अपन अपन अपन अपन अपन अपन अपन।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।. आप खुद के प्रति जो महसूस करते हैं या जो कुछ भी कहना चाहते हैं कुछ कुछ पंक्तियां रोज अपनी नोटबुक में लिखें। आइने के सामने खड़े होकर उन पंक्तियों को अपने चेहरे पर प्रभाव पैदा करें। याद है बचपन में जब आप रंगमंच य mí यह प्रयोग फिर करें। लगातार इसका अभ्यास करने से आगे आपको खुद को ज्यादा बेहतर ढंग से समझने में मदद।।।।।।।।।।।।
नक sigue, लोगों को को नजरअंदाज करें, वे आपकी सभी सकारात्मक बातों को कमतर कर देतें हैं।।।।।।।।।। ध्यान रखें की दूसरों को कोई अधिकार नहीं कि वे आपका दिन खराब करें। सिवा आपके यह कोई तय नहीं कर सकता कि आप अपना दिन कैसे बित mí.
कठोर शब्दावलियों से बचें, आप कैसा महसूस करते हैं इसके बजाय अपने प्रति कैसा महसूस करना चाहिये इस बारे में।।।।।।।।।।। 'ऐसा होना ही चाहिये', 'अब तक क्यों नहीं किया', 'क्यों मैंने गलत किया' जैसे शब्दावलियां सिर्फ तकलीफ हैं।।।।।।।।।।।।।।।। इनके बारे में सोचने के बज mí
केवल आप ही अकेले नहीं है जो भय या कठिनाइयों से घिenas है हैatar इसलिये मित्रें के साथ अपनी बातें बांटना सीखें। उन बातों के बारे में सोचें जो आपको तोड़े नहीं बल्कि जोडें, जो आशावादी बनाये। हर काम की जिम्मेदारी खुद पर लेने से बचें। सभी लोगों की मदद लेने के बारे में सोचें। यथार्थवादी होकर सोंचे कि कौन सी जिम्मेदाisiones
पenas ही बुरी नहीं होती, आत्मनिंदा भी कई बार आपको पीछे धकेलती।। अपने प्रति जरूरत से ज्यादा आलोचनात्मक न बनें सकारात्मक सोच अपनाये और अपने को को महत्त्व देना सीखें क्योंकि यदि आप अपना सम्मान करनί समguna क सम सम favor
ama a tu madre
Shobha Shrimali
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