आजकल दमा (ब्रagaंकियल अस्थमा) की शिकायत हर उम्र के व्यक्तियों में बढ़ रही है, इसका एक क • बड़े दिनों बढ़त बढ़त पguna औ औ पेटguna सेر औदر सेós. दमा का शिकार व्यक्ति स्वच्छ और खुले वातावरण में कुछ दिन रहता है तो उसकी श्वास संबंधी तकलीफें स्वतः ठीक हो जाती हैं, इससे साफ जाहिर होता है कि दमा उत्पादक कारकों में प्रदूषण प्रमुख है, यही कारण है कि प्रदूषण बढ़ने के साथ ही दमा जैसी श्वास संबंधी बीमारियां भी बढ़ती जा रही हैं।
दमा रोग में श्वास नलिकाओं में सिकुड़न आ ज mí सभी नलिकायें बहुत अधिक सिकुड़ जाती हैं तो रोगी को सांस लेने और छोड़ने में अधिक तकलीफ होगी और यदि नलिकायें थोड़ी मात्रा में सिकुड़ी होती हैं तो तकलीफ कम होती है, इस स्थिति में शरीर को ऑक्सीजन कम मिल पाती है इसलिये रोगी जोर-जोर से सांस लेकर इस कमी को पूरा करने का प्रयास करता है, श्वास नलिकाओं के सिकुड़ने को ही दमा या अस्थमा रोग कहते हैं।।।।।।।।।।।।।।।।। हैं हैं।
दमा होने के कई कारण हैं, कुछ रोगियों को दमे की शिकायत प्रagaयः हमेशा बनी रहती है कई कई ¢ ोगियों को की शिक शिक कभी-कभी होती होती, यह सब क के क प razón
alergias- दमा का प्रमुख कारण है, एलर्जी उत्पन्न करने वाले पदार्थ (एलरजेन्स) कई तरह के हो सकते हैं, किसी रोगी को कोई विशेष खाद्य पदार्थ से एलर्जी होती है तो किसी को वातावरण में मौजूद धूल के कारण दमा उभरता है, इनके अतिरिक्त कुत्ता, बिल्ली ;
संक्रमण एवं कृमि - जीवाणु या विषाणुओं के संक्रमण से श्वास नलिकाओं में सूजन आ जाती है जिससे वे संकीर्ण हो जाती हैं, इस कारण दमा की शिकायत बन सकती है, उदाहरणार्थ-पुराना श्वास नलिका (क्रोनिक ब्रांकाइटिस) में दमा की शिकायत भी हो सकती है, इसी तरह आंतों में कृमि होने के काisiones
cualidades hereditarias दमा से ग्रसित मां-ब mí
Trabajo duro- किसी जगह का कठिन कारorar
मनोवैज्ञानिककारण- विभिन्न शोधों से यह भी पता चला है कि मानसिक ¢ ूप से परेशान लोगों को दमा अधिक होता है, वास्तव में प्रतिक्रिया स्वरूप ऐसा होता है।।। है है।। है है।।। है है है है है।।। है है है है है है है। होत।।।। होत। होत।. यह मानना सही नहीं है कि दम mí
sintomas de asma
इसका प्रमुख लक्षण तो हांफन mí श्वास की तकलीफ के साथ ¢ को खांसी भी आ सकती है, साथ में जुक mí.
Diagnóstico वैसे तो चिकित्सक लक्षण देखकecer लेकिन कुछ जांचें करवाना भी जरूरी होता है, इससे अस्थमा के कारणों का पता चल जाता है है कमी चिकित चिकित चिकित चिकित चिकित चिकित N. , रोग के सही निदान के लिये कुशल चिकित्सक से ज siguez
कई दवाइयां दमे के रोगी को वर्जित ¢ हती हैं वह नये चिकित्सक को अपनी बीमारी के बारे में बतला दे तकि वह ऐसी दवाइयां न।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।। eléctrica
दमे का रोगी धूल, धुआं और आर्दellaacho त gaste व व व प्रदूषित व mí va
यदि एलर्जी उत्पन्न करने वाले पदार्थ से या खgon क कtimo पता चल जाये तो हमेशा उससे दूर íbO, रोगी को यदि ज जί -से एलatar एल तो उनके प प न ज ज ज।।।
दमें के रोगी धूम्रपान, मदिरापान आदि से परहेज रख
ऐसे रोगी अधिक ठंडे पेय पदार्थों से भी परहेज करें, अधिक खट्टी या मासलेदार वस्तुयें भी न खाये कठिन श्रम और व्याय vaम से बचें।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।
दमे के ¢ श्वसन संस्थान के संक्रमणों से भी बचें, संक्रमण शुरू होते ही तुरंत दवा लें, बहुत औatar
बच्चों में मनोवैज्ञानिक कारणों से दमा हो सकता है इसलिये उन्हें दबाव के वातावरण में न खें endr.
दमा के मû के लिये सबसे पहली और जरूरूatar
दूध और उससे बने पदार्थों का सेवन मरीज को नहीं करना चाहिये जिससे उनका आधा ¢ तो तुंरत ही अपने आप ठीक हो जाता है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है
शहद से शरीर को आवश्यक गर्मी मिलती है। शहद श्वास की नली में बलगम को खत्म कर देता है। मान लीजिये आपके सीने में जकड़न हो रही है और आपको लगता है कि दमा का दौरा पड़ने वाला है।। ऐसे में गenas पानी में शहद डाल कर गर्म कर पी लीजिये इससे आपको कुछ आराम मिलेगा।
दमें के बिमारी में अगर ominó
तुलसी के कुछ पत्ते, शहद और काली मिर्च में भिगऋर॰ तीन से चार घंटे इन्हें भिगोया inar इससे दमा का दौरा पड़ने की आशंका बेहद कम हो जाती ह
नीम को शहद में मिल sigue.
दमें के रोगी को सूरorar
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