जहाँ तक शरीर का प्रश्न है सभी व्यक्तियों में किसी प्रकार का विशेष भेद नहीं होता। शenas की संरचना, शरीर की शक्ति आदि का निर्माण वैज्ञानिक दृष्टि से समान ¢ से ही होता है।।।।।।।। उचित आहार के प्रभाव से कुछ व्यक्ति निर्बल रह हथा किसी को कोई शारीरिक व्याधि हो जाती है, जिससे उसके शरीर में निर्बलता आ जाती है।।।।।।।।। यह शरीर की एक साम flavor
¿Está bien, está bien, está bien? उसमें ऐसे कौन गुण हैं? जिसके कारण वह अन्य की अपेक्षाकृत ऊपर उठ जाता है, यह ध्यान देना आवश्यक है कि व्यक्ति अपने रूप से बल या शक्ति से महान नही होत होत।।।।।।।।।।।।।।।।।।। नही नही नही नही नही नही नही नही नही नही नही नही नही नही नही नही नही नही नही नही नही नही नही नही नही नही नही नही नही नही नही नही नही नही नही नही objetivo मह mí que यही वह शक्ति है जिसे आत्मशक्ति कहते हैं। जब यह व्यकorar
ऐसी कोई साधना नहीं होती जिसमें वह सफलता न प्रagaप Est. मन ग्रहण नहीं कर लेता, तब तक पूर्णता नहीं आ सकती 'और जब तक पूर्णता नहीं सकती तब तक संसार में विष विषguna, संताप आपको घेरे हेंगे तब तब स लग लग प प म स स सellas मानो अब सूर्य उदय हो रहा है, जिसमें शीतलता के साथ-साथ ऊष्णता, लालिमा एवं शान्ति भी है अर्थात् शीतलता एवं ऊष्णता दोनो चीजों ही देता है।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।
यह सब सर्व सम्मोहन की क्ηaga के माध्यम से संभव हो पाता है और इस सर्व सम्मोहन की शक्ति को आत्मसात करने के गु गुरू सेatar. गुरूकी दिव्य क्रिया का भाव चितंन सरorar.
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