जननी जन्म देने व siguez कर सके, उसे रोप सके, उसे अपनी प्रagaण-ज्ञान ऊर्जा से एक स्वस्थ, सुडोल मानव बना सके।।।।।।।। ईश्वर ने अपनी इस अनमोल ¢ चन को केवल जन्म देने तक ही सीमित नहीं ivamente ख अपितु माँ ज्ञान, शक्ति व्धि क Davidamente माँ के इन तीन स्वरूपों को हम भिन्न-भिन्न तरीके से पूजते हैं क्योंकि माँ की शक्ति तो है।।।।।।।।।।।।।।।
भगवान शिव को भी अर importaador हर मांगलिक क sigue, अनुष्ठान, पूजा कर्म माता स्वरूप के साथ ही करने का प्रagaवध है, मातृ शक्ति के बिना ।ा गया कोई भी ध ध क क razónacho. जिस घर में मातृ शक्ति का अभाव होत mí नवरात्रि में नव दुर्गा- दुर्गा सप्तसती का पाठ ।
यह सब कथायें, प्रयोग- माँ बगलामुखी हो या माँ तारा हो अथवा माँ कात्यायनी पाठ केवल मिथ्या नहीं है, कई सदियों से चली आने वाली नवरात्रि की बेला एक ऐसा अवसर है, जब इस संसार का प्रत्येक भक्त-साधक अपने जीवन की आकांक्षाओं की पूर्ति के लिये देवी स्वरूप जगत जननी माँ शक्ति की आû endr भौतिक, आध्यात्मिक, मानसिक, शारीरिक, तंत्र, प्रेत, अज Davhe
अब यह हम पecer आने वाले नव दिवसों में शिविर व साधन flavor
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